जयपुर भारत की सबसे बड़ी राज्य राजस्थान की राजधानी हैऔर यह राजस्थान का सबसे बड़ा और घनी आबादी वाला शहर भी है। इसे सवाई जय सिंह ने बनाया था और उन्हीं के नाम पर यह शहर का नाम जयपुर रखा गया है।
उनके शासन के दौरानवेल्स के राजा के स्वागत के लिए इस शहर को गुलाबी रंग से रंग गया था और अभी तक काफी सारे स्मारक इससे रंग से रंगे आपको दिखेंगे इसके कारण इसका नाम पिंक सिटी हो गया है।
यहां पर बहुत सारे ऐतिहासिक Fort और महल मौजूद है जिनको देखने के लिए न सिर्फ भारत से बल्कि दुनिया भर से पर्यटकसालों भर यहां आते रहते हैं।
1. Amer Fort
आमेर फोर्ट जयपुर से 19 किलोमीटर दूर आमिर में स्थित है, यह लाल सेंडस्टोन और मार्बल सेबना है। इसे चार लेवल में बनाया गया है जिसमें दीवाने खास दीवाने आम शीश महल और सुख निवास शामिल है। इस फोटो कोअजमेर पैलेस भी कहा जाता है क्योंकि यह राजपूत गानों के लिएमहल था, राजा मानसिंहअपने 12 रानियां के लिए 12 कमरे इस महल में बनवाए थे। उसके बाद महाराजजय सिंह की केवल एक ही रानी थी उन्होंने तीन कमरों के बराबर एक रानी का कमरा इस महल में बनवाया था।
आमेर फोर्ट से ही सटा हुआ है जैकेट फोर्ट और यह दोनों ही एक परिसर में गिने जाते हैं और दोनों एक दूसरे सेजुड़े हुए भी है। फोर्ट को 2013 मेंवर्ल्ड यूनेस्को हेरीटेज साइट का दर्जा मिला जिसमें राजस्थान केपांच टोटल फोर्स भी शामिल हुए थे। यहां रोजाना 5000 से भी ज्यादा पर्यटक आते हैं जिसमें भारतीयों के साथ विदेशी पर्यटक भी शामिल है।
2. Hawa Mahal
हवा महल जयपुर में एक पैलेस हैजिसेसवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। इसे 1799 मेंपिंक और रेड सेंडस्टोन की मदद सेबनाया गया था।
इसमें 953 खिड़कियां हैं जिसे झरोखे बोले जाते हैं, जो की बेहतरीन डिजाइन से सजाए गए हैं इनका बनाने का मुख्य कारण थाराजा के परिवार की महिलाओं बाहर केदुनिया को बिना नजर में किसी के आए देख सके। यह पांच मंझलियांपिरामिड शेप का इमारत है जिसकी ऊंचाई लगभग 50 फीट की है। इन जालीदार झरोखे के वजह से हवा आसानी से महल के एक और से दूसरी ओर गुजर जाती है जिसकी वजह से गर्मियों के दिन में भीया पैलेसमें अच्छी हवा आ पाती है जिसकी वजह से इसे हवा महल नाम दिया गया है।
बाहर के मुकाबले अंदर काफी कम सजावट की गई है हालांकि पूरी जयपुर सिटी का अब एक अच्छा नजारा अंदर से ले सकते हैं। सुबह के समयइस महल मेंअंदर जाना सबसे बेहतरीन रहता है क्योंकि सूरज के केंद्र ने खिड़कियों से अंदर पहुंचती है जिसकी वजह से अंदर का नजारा और भी बेहतरीन लगता है।
भारतीयों के लिए यहां का टिकट मात्र ₹10 है। हर दिन सुबह के 9:00 बजे से शाम के 4.30 बजे तक खुला रहता है।
3. City Palace
सिटी पैलेस जयपुर महाराजा सवाई जय सिंह और रॉयल फैमिली के लिए बनाया गया था जब उन्होंने अपनी राजधानी अमर से हटकर जयपुर किया था ।
इसे 1732 में बनकर तैयार किया गया थाआज इसमेंमहाराजा सवाई मानसिंह 2 तो म्यूजियम इसके अंदर मौजूद है। जयपुर का रॉयल परिवार भी इसके अंदर रहता है जिनमें लगभग 500 से भी ज्यादा नौकर है। इस पैलेस परिसर में अनेकों बिल्डिंग, कोर्टयार्ड, गैलरी, रेस्टोरेंट और म्यूजियम है।
इस म्यूजियम की चेयरपर्सन जयपुर की राजमाता है और प्रिंस दिव्या कुमारी ट्रस्टी और सेक्रेटरी है।
इसके साथ हीप्रिंस दिव्या कुमारीम्यूजियम के स्कूलऔर 2013 में वहविधान सभा सदस्य भी सवाई माधोपुर से चुनी गई थी।
4. Jal Mahal
जल महल पैलेस, जयपुर के लिएसबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में से एक है। यह पैलेस मानसरोवर लेक के बीच में बना हुआ तीन मंझलियां है जिसे लाल सेंडस्टोन से बनाया गया है। तीसरी मंजिलसिर्फ पूर्व दिशा की ओर है और यह हिस्सा आमतौर पर पर्यटकों को देखने को नहीं मिलता है, इसके जगहपश्चिमी हिस्सा आमतौर पर लोग देखते हैं।तालाब जब भर जाता है तो जल महल का काफी हिस्सा पानी के नीचे रहता है जिसकी वजह सेइसमें सिपेज और कई तरह केनुकसान इस पैलेस को झेलना पड़े हैं।
पर्यटकों कोइसके अंदर जाना नहीं दिया जाता और बसआप इसेतलाक किनारे से निहार सकते हैं, रात के समय लाइटिंग के कारण जल महल पैलेस और भी आकर्षक दिखता है।
5. Nahargarh Fort
अरावली पर्वत पर स्थित नाहरगढ़ फोर्ट जयपुर का एक और आकर्षक पर्यटक स्थल है। इस पैलेस को 1734 में बनाया गया था और यह अरावली पर्वत के ऊपर स्थितहै, पैलेस के दीवारदूर तक फैले हैं जो इसे जयगढ़ फोर्ट से भीजोड़ते हैं।
1857 में फर्स्ट वॉर ऑफ़ इंडिपेंडेंस के दौरान महाराज राम सिंह नेब्रिटिश केपत्तियों को सुरक्षित रहने के लिएइस फूड का उपयोग किया था।
इस फोर्ट में आप सुबह के 10:00 से शाम के 5:30 बजे तक आप जा सकते हैं, एंट्री टिकट मात्र ₹50 रखा गया है।
6. Jantar Mantar
जंतर मंतर जयपुर में 19 एस्टॉनोमिकल इंस्ट्रूमेंट मौजूद है जिसे सवाई जयसिंह ने 1924 में बनवाया था। यहां दुनिया का सबसे बड़ापत्थर का संदल मौजूद है जिसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिल चुका है। राजा जयसिंह नया 1928 मेंयह ऑब्जर्वेटरी के अलावा कई और शहरों में भी एस्टॉनोमिकल ऑब्जर्वेटरी बनवाया थाजिसकी मदद से ब्रह्मांड के दूसरे ग्रहों तथा उन चीजों कापता लगाया जाता था साथ ही समय भी इसे देखा जाता था।
इसे संगमरमर और बाकी पत्थरों से मिलकर बनाया गया था।
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