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उत्तर प्रदेश में स्थित वाराणसी शहर बहुत ही प्राचीन शहरों में से एक है और यहां कईबहुत ही पुराने मंदिर मौजूद है जिसके वजह से है या हिंदुओं का पवित्र धामहै । स्टॉप12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर यहां का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर माना जाता है। बनारस प्राचीन समय से ही एक महत्वपूर्णशहर रहा है और पुराणों में भी उसका उल्लेख पाया जाता है ।

1. Kashi Vishwanath Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यहविश्वनाथ गली में स्थित है। औरंगजेब ने 1669 में इस मंदिर को तुड़वा दिया था पर हिंदू कई साल तक इस टूटे हुए मंदिर में भी दर्शन करने के लिए आते रहे थे, इसके बाद इसके बगल में नया मंदिर मराठा शासन अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया था।

2021 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण कराया गया इसके तहत मंदिर काकाफी सारा हिस्सा को और बेहतर बनाया गया साथ ही नई सुविधाओं के साथइसे गंगा नदी से भी जोड़ा गया। 

इसके बाद यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है।

2. Ganga River और Dashashwamedh Ghat में Aarti

गंगा नदी हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र नदी है और बनारस में गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही पवित्र माना जाता है, आप यहां दिन में गंगा नदी में वोट राइट का भी आनंद ले सकते हैं। 

संध्या के समय आप 10 में घाट पहुंच कर गंगा आरती देख सकते हैं जिसमें शामिल होकर आपको न सिर्फअतुल आनंद की प्राप्ति होगी बल्किअद्भुत नजारे गंगा मैयाके किनारे देखने को मिलेंगे ।

ठंड के मौसम में गंगा आरतीलगभग 6:00 बजे होती है वही गर्मी के दिनों में यह लगभग 7:00 बजे होती है जिसमेंहजारों की संख्या में लोग यहां इकठ्ठा होते हैं। आपको अगर अच्छी तरह से यह आर्थिक अनुभव उठाना है तो आपको समय से एक घंटा पहले ही यहां पहुंचना होगा ताकि आप आगेके स्थान को लेकर आरती देख सके ।

3. Assai Ghat

अस्सी घाट बनारस के दक्षिणी छोर पर स्थित सबसे बड़ा घाटों में से एक है। सुबह से ही यहां पर्यटक यहांगंगा मैया के दर्शन के लिए आते हैं। त्योहार के दिनों में यहां काफी भीड़ में मरती है जैसे शिवरात्रि या दीपावली में लाखों की संख्या में यहां लोगजमा हो जाते हैं।

यहां आकर आप ना सके गंगा मैया के दर्शन कर सकते हैं बल्कि आप वोट राइटऔर हॉट एयर बैलून राइड भी ले सकते हैं जिससे आपको अस्सी घाट का एरियल व्यू और वाराणसी शहर का भी अच्छा नजारे देखने को मिलेंगे।

4. Manikarnika Ghat

मणिकर्णिका घाट वही स्थान है जहां माता सती का इयररिंग गिर गया थाऔर संस्कृत में मणिकर्णिका का अर्थ होता है इयररिंग।

यह घाट पर आपको हमेशा एक के बाद एकलाशों को जलते हुए देखने का अवसर मिलेगाक्योंकि यह सबसे पवित्र जगह में से एक है जहां हिंदू मानते हैं किकरने और जन्म लेने के चक्र से आजादीयहां अंतिम संस्कार के बाद मिलती है और आत्मा को मोक्ष प्राप्ति होती है।

5. Sarnath

वाराणसी से 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित सारनाथ, यहां गंगा और वरुणा नदी एक साथ मिलती है। वही जगह है जहां बुद्ध 35 वर्ष के आयु में अपने पहले शिष्यों को सीख दी थी जब वह बोधगया सेनिकले थे ।

बुद्ध ने सारनाथ को उन चार पवित्र स्थलों में से एक बोला था जहां बुद्धिस्ट को तीर्थ करने के लिए आना चाहिए।

यहां आपको महाबोधि पेड़ भी देखने को मिलेगाजिससे बोधगया के बोधी ट्री से ही उगाया गया है। यहां परबुद्ध मंदिर भी मौजूद है जिसके अंदर भगवान बुद्ध कागोल्डनस्टैचूस्थापित है, मंदिर के पीछेडियर पार्क है जहां बुद्ध ने सबसे पहली बार अपने भक्तों कोसीख दी थी। 

इसके बाद आप चौखंडी स्तूप को देख सकते हैं यह वही जगह है जहां बुद्ध अपने पांच भिक्षु को वापस मिल गए थे इससे पहले वहएक दूसरे से बिछड़ गए थे।

आप फिर धर्मराज जी का स्तूपजा सकते हैं जहां माना जाता है कि बुद्ध काअवशेष को यहीं रखा गया था जो की 10 हिस्सों में बांटा गया था । मुगलों ने बाकी जगह की तरह ही यहां पर भी तबाही मचाई और इसके ऊपर काफी सारे इमारतें खड़ा कर दी थी हालांकि आज यह टूटे हुए इमारत के अवशेष मौजूद है पर बुद्धिस्ट के लिए यह जगह काफी पवित्र है और वहां यहां आना जरूर चाहते हैं । 

यहां थाई मॉनेस्ट्री भी मौजूद है जहां पर बुद्ध की ढेर सारी प्रतिमा मौजूद है, बाहर आपको फवारा देखने को मिलेगा साथ ही काफी हरी-भरी बड़ी जगह मौजूद है जहां आप बैठ के सुकून ले सकते हैं।

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