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दिल्ली जो की एक यूनियन टेरिटरी है, दो हिस्सों में बटी है पुरानी दिल्ली और नई दिल्ली जो कि भारत की राजधानी है। यहां की जनसंख्या एक करोड़ से भी ऊपर है और कई शहरों को मिलाकर दिल्ली नेशनल कैपिटल रीजन(NCR) बनती है। यहां भारत से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से विदेशी पर्यटक यहां घूमने आते हैं और भारत में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक यही आते हैं।

मुगलों और दिल्ली सुल्ताने के दौरान यह राजधानी रह चुकी है साथी ब्रिटिश काल के दौरान भी नई दिल्ली को राजधानी बनाया गया था इस कारण से यहां कई ऐतिहासिक इमारतें मौजूद है जिन्हें आप देख सकते हैं । 

यहां पहुंचने के लिए भारत के लगभग हर बड़े शहर से ट्रेन और फ्लाइट की सुविधा मौजूद है, हजारों होटल और अच्छी पब्लिक ट्रांसपोर्ट आपको इस महानगर में मिल जाएगी।

1. Qutub Minar

कुतुब मीनार जिसे 1999 से 1220 के 20 के बीच में बनाया गया था, यह एकजीत का प्रतीक के रूप में मनाया गया मीनार है। या दिल्ली के महरौली एरिया में मौजूद है और यह शहर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में से एक है। इस मीनार में लगभग 399 सीढ़ियां मौजूद है जिसकी मदद से ऊपर तक जाया जा सकता है ।

इसके आसपासएक मस्जिद भी बनाई गई है जिसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने लगभग 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनवाया था जिसका जिक्र उसने अपने फरमान में भी लिखवाया है जो कीपूर्वी द्वार पर लगा है।

कुतुबुद्दीन ऐबक ने मीनार का पहले तालाब बनाया था, बाद में इल्तुतमिश में तीन और ताले बनवा इसके बाद फिरोजशाह तुगलक ने एक और तालाब इसमें जुड़वाया था।

2. India Gate

इंडिया गेट से पहले ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल के नाम से भी जाना जाता था इसकी फाऊंडेशन स्टोन1921 में रखी गई थी और इसका उद्घाटन 1931 को किया गया था। यह उन 74000 से भी ज्यादा भारतीय सिपाहियोंके बलिदान को याद करने के लिएबनाया गया था जो पहले विश्व युद्ध और तीसरे एंगलो अफगान वर में शहीद हो गए थे। इस वार मेमोरियल के ऊपर 13000 से भी ज्यादा वीर सैनिकों के नामपूरे दे गए हैं जिनमें से कुछ यूके के भी सैनिक और हाई रैंक ऑफिसर्स शामिल है।

इसका डिजाइन सर एडमिन लुटियंस ने बनाया था जो कि उसके साथ ही नई दिल्ली के आर्किटेक्ट भी रह चुके हैं और उन्होंने कई सारे ऐतिहासिक इमारतेंका डिजाइन नई दिल्ली के बनाया था।

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद यहां पर एक मार्बल मेंवीर सैनिक की प्रतिमाउल्टे राइफल के साथ जिसमेंटोपी लगी है को स्थापित किया गया और चार कभी ना बुझने वालीअग्नि को भी स्थापित किया गया जो कि अमर सैनिक का प्रतीक है ।

आज यहां हर रोज देश के विभिन्न हिस्से से पर्यटक यहां इस ऐतिहासिक इमारत को देखने के लिए आते हैं साथ ही भारी मात्रा में विदेशी पर्यटक भी यहां हर रोज पहुंचते हैं।

3. Lotus Temple

लोटस टेंपल जो कि दिल्ली का एक बहुत ही प्रसिद्धइमारत है, यहां रोज हजारों की संख्या में पर्यटक इस टेंपल कोबाहर से निहारने के साथ अंदर भी जाते हैं।

यह लोटस के आकार में बना हुआ, बहाई धर्मका प्रार्थना स्थल है जो कि हर धर्म के लोगों के लिए खुला है।

इसमें 27 मार्बल केपेटल 9 साइड मेंबने हुए हैं औरअंदर के हाल हाइट का है में जाने के लिए नौ दरवाजे भी मौजूद है। अंदर हाल में एक साथ करीब 1300 लोगों के लिएजगह बनी है।

इस टेंपल को 1986 में टोकरो ने बनाकरतैयार किया था जिसमें करीब 10 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा की लागत लगी थी। 

यहां आप बिना किसी प्रवेश शुल्क के जा सकते हैं और अंदर जाकरकिसी भी धर्म के लोग अपने धार्मिक पुस्तकों को पढ़ सकते हैं, धार्मिक गीत भी गया जा सकता है हालांकि किसी भी इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल करना अंदर माना है।

4. Rajghat

राजघाट महात्मा गांधी का मेमोरियल है, यहांऐसी विदेशी पर्यटक के साथ-साथ प्रसिद्ध विदेशीतृतीय भी एक बार जरूर आते हैं जब वहदिल्ली में मौजूद होते है। इसे 1948 में महात्मा गांधी का समाधि के रूप में बनाया गया था, बगल में एक जलते हुए मार्शल भी बनाया गया है । 

बाद में इस मेमोरियल कंपलेक्स में कई भारतीय राजनेता के समाधि को भी इसके अंदर बनाया गया जैसे लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेई समय कई नेता के समाज मेंयहां मौजूद है । 

यह दिल्ली के रिंग रोड पर मौजूद हैजिसका नाम भी महात्मा गांधी रोड रखा गया है।

5. Red Fort

रेड फोर्ट या दिल्ली का लाल किलाशाहजहां नेबनवाया था जब अपनी राजधानी हुआ आगरा से बदलकर दिल्लीकर दिया था । इससे 1639 में बनाना शुरू किया गया था और इसे लाल संगमरमर से 1648 में बनाकरतैयार कर दिया गया था।

मुगल शासन कल जब औरंगजेब के बाद कमजोर हो गया था तब नादिर शाह ने रेड फोर्ट कोपूरी तरह से लूट और काफी सारा कीमती सामान अपने साथ ले गया। ब्रिटिश काल में भी अंग्रेजों नेलाल किला को काफी नुकसान पहुंचा और फर्नीचर समेतअधिकतर हिस्से कोतोड़ दिया गया था। हालांकि बाद में इस ब्रिटिश काल में रिपेयर भी कराया गया था । 

हर वर्ष भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के यही लाल किले से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस परझंडा फहराते हैं और फिर देश को संबोधन करते हैं।

6. Chandni Chowk

दिल्ली का चांदनी चौक बहुत ही पुराना चौक है जहां पर कई सारे होलसेल दुकानों के साथ-साथ छोटे-बड़े कई रेस्टोरेंट है। यह भारत का सबसे बड़ा होलसेल मार्केट में से भी एक है जहां न सिर्फ दिल्ली के लोकल लोग बल्कि दूसरे शहरों से घूमने आए लोग भी यहां आकर ढेर सारी शॉपिंग करते हैं।

अगर आप दिल्ली घूमने आ रहे हैं तो एक बार दिल्ली के चांदनी चौक जाना तो जरूर बनता है यहां आपको विभिन्न प्रकार के स्वीडिश व्यंजनों से लेकर एक से बढ़कर एक कपड़ों के दुकान और उन होलसेल में चीज खरीदने को मिल सकते हैं।

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